Thursday, September 28, 2023

चाइनीज़ हैकर्स ने अमेरिकी विदेश विभाग की प्राइवेसी में लगाईं सेंध, चुराए 60,000 ईमेल

दुनियाभर में हैकिंग एक गंभीर समस्या है। हैकर्स अक्सर ही दूसरों की प्राइवेसी पर हमला करते हैं और उनके डाटा को निशाना बनाते हैं। हैकर्स दूसरे देश के लोगों को भी निशाना बनाते हैं। चीन (China) के हैकर्स ऐसा ही कुछ करते हैं। चाइनीज़ हैकर्स समय-समय पर दूसरे देशों की प्राइवेसी में सेंध लगाने की कोशिश करते हैं। इसका मकसद डाटा चुराना या अलग-अलग सिस्टम्स में खराबी लाना होता है। चाइनीज़ हैकर्स ज़्यादातर अमेरिका (United States Of America) या भारत (India) को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं। हालांकि उन्हें हर बार कामयाबी नहीं मिलती पर समय-समय पर चीन के हैकर्स अमेरिका की प्राइवेसी को निशाना बनाते हैं। हाल ही में चाइनीज़ हैकर्स को एक बार फिर अमेरिका की प्राइवेसी में सेंड लगाने में कामयाबी मिली है और निशाना बना है अमेरिकी विदेश विभाग।


चाइनीज़ हैकर्स ने अमेरिकी विदेश विभाग के 60,000 ईमेल

चाइनीज़ हैकर्स ने इस साल माइक्रोसॉफ्ट के ईमेल प्लेटफॉर्म में सेंध लगाईं थी। अब जानकारी मिली है कि चाइनीज़ हैकर्स ने ऐसा करके अमेरिकी विदेश विभाग के अकाउंट्स से 60,000 ईमेल चुरा लिए हैं। इस बात की जानकारी अमेरिका के विदेश विभाग के सीनेट के एक कर्मचारी ने बुधवार को दी। जिस सीनेट में यह कर्मचारी काम करता है, उसके सीनेटर का नाम एरिक श्मिट (Eric Schmitt) है।


10 अकाउंट्स से चोरी किए गए ईमेल

अमेरिका के विदेश विभाग के सीनेट के कर्मचारी ने जानकारी देते हुए बताया कि चाइनीज़ हैकर्स ने विभाग के 10 अकाउंट्स से 60,000 ईमेल चुराए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के आईटी अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है। 10 में से 9 अकाउंट्स ईस्ट एशिया और पैसिफिक के लिए काम रहे थे जबकि 1 यूरोप के लिए काम करता था। रिपोर्ट के अनुसार विदेश विभाग के जिन लोगों के अकाउंट्स में सेंध लगाईं गई, उनमें से ज्यादातर इंडो-पैसिफिक कूटनीति प्रयासों पर काम कर रहे थे।

ईमेल लिस्ट को भी किया हैक

जानकारी के अनुसार चाइनीज़ हैकर्स ने अमेरिकी विदेश विभाग के सभी ईमेल वाली एक लिस्ट को भी हैक कर लिया। चाइनीज़ हैकर्स ने सभी अकाउंट्स और ईमेल लिस्ट को हैक करने के लिए एक माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर के डिवाइस से छेड़छाड़ की।

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डिफेंस सिस्टम को मज़बूत करने की है ज़रूरत

सीनेटर एरिक श्मिट ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि इस तरह के साइबर अटैक्स से बचने के लिए अमेरिका को अपने डिफेंस सिस्टम को मज़बूत करने की ज़रूरत है। श्मिट ने यह भी कहा कि उन्हें कमज़ोर पॉइंट्स पर ध्यान देना ज़रूरी है जिससे उन पर काम किया जा सके और आगे इस तरह की घटनाओं को होने से पहले रोका जा सके।

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