Saturday, September 23, 2023

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो क्यों करते हैं खालिस्तानियों का समर्थन? जानिए 2 बड़ी वजहें

भारत (India) और कनाडा (Canada) के बीच चल रहा विवाद दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) अपने देश की संसद में भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगा चुके हैं। इतना ही नहीं, भारत के डिप्लोमैट को भी इस मामले की वजह से बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि कनाडा के आरोप को भारत ने बेबुनियाद और बेतुका बताते हुए सख्त एक्शन भी लिया। भारत ने भी कनाडा के डिप्लोमैट ओलिवियर सिल्वेस्टेर को बर्खास्त करते हुए देश छोड़ने के लिए कह दिया है। भारत ने कनाडा के लिए वीज़ा सर्विस को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। साथ ही अपने देशवासियों को भी कनाडा न जाने की सलाह दी है। भारत के एक्शन से ट्रूडो के सुर ज़रूर बदले हैं, पर खालिस्तानियों के लिए उनका समर्थन अभी भी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में मन में सवाल आना लाज़िमी है कि आखिर क्यों कनाडा के पीएम खालिस्तानियों का समर्थन करते हैं? आइए इसकी 2 बड़ी वजहें जानते हैं।


क्यों करते हैं ट्रूडो खालिस्तानियों का समर्थन?

खालिस्तानी आतंकवादियों से कम नहीं है। फिर भी कनाडा के पीएम ट्रूडो आखिर क्यों खालिस्तानियों का समर्तहन करते हैं? आइए इसकी 2 बड़ी वजहों पर नज़र डालते हैं।

1) वोट बैंक

ट्रूडो के खालिस्तानियों को समर्थन देने का एक बड़ा कारण है वोट बैंक। 2021 की जनगणना के अनुसार कनाडा की जनसंख्या का सिर्फ 2.1 भाग ही सिख आबादी थी। ऐसे में साफ है कि पिछले 2 साल में उसमें इजाफा हुआ है। सिख कनाडा में सबसे प्रभावशाली अल्पसंख्यक हैं। कनाडा में जगह-जगह सिख फैले हुए हैं और दूसरे सभी माइग्रेंट्स से ज़्यादा हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 20 साल में कनाडा में सिखों की जनसंख्या डबल हो गई है और आगे भी इसके बढ़ते रहने के पूरे आसार हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार कनाडा में करीब 7,70,000 सिख हैं।

हर साल पंजाब से बड़ी संख्या में सिख कनाडा चले जाते हैं और इनके समुदाय के प्रभाव से ये आसानी से कनाडा का हिस्सा बन जाते हैं। कनाडा में राजनीति से लेकर कई उद्योगों में सिख समुदाय के लोगों की पकड़ है। ऐसे में इनके वोट काफी अहम हो जाते हैं। इसी बात का ध्यान ट्रूडो अपने वोट बैंक के लिए खालिस्तानियों का बचाव करने के साथ ही समर्थन भी करते हैं, जिससे सिख वोट बैंक का बड़ा हिस्सा ट्रूडो के साथ रहे। ऐसा नहीं करने पर कनाडा में रहने वाले प्रभावशाली खालिस्तान समर्थक सिख ऐसे सिखों को भी अपने प्रभाव में ले सकते हैं जो खालिस्तान का समर्थन नहीं करते। इससे ट्रूडो के वोट बैंक पर असर पड़ सकता है।

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2) डोनेशन

ट्रूडो के खालिस्तानियों को समर्थन देने का दूसरा बड़ा कारण है डोनेशन। कनाडा में सिखों के लिए कई सारे गुरुद्वारे भी हैं। कई गुरुद्वारों को बड़े खालिस्तानी नेता मैनेज करते हैं। ऐसे में ट्रूडो के खालिस्तानियों को समर्थन देने से उन गुरुद्वारों की तरफ से ट्रूडो, उनकी पार्टी और पार्टी के नेताओं को अच्छा-खासा डोनेशन मिलता है।

इतना ही नहीं, कनाडा में कई खालिस्तानी बड़े उद्योगों में भी शामिल हैं और ट्रूडो के समर्थन की वजह से जी भरकर डोनेशन देते हैं। इससे ट्रूडो और उनकी पार्टी के सभी नेताओं की जेबें भरी रहती हैं और पार्टी के काम-काज भी सही से चलते रहते हैं। ऐसे में डोनेशन का ध्यान रखते हुए ट्रूडो खालिस्तानियों का बचाव करने के साथ ही समर्थन भी करते हैं।

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