कंगाल होते पाकिस्तान के लिए मई का महीना एक बार फिर बुरी खबर लेकर आया है। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान की साल-दर-साल उपभोक्ता महंगाई अप्रेल में बढ़कर अपने उच्चतम स्तर 36.42 % पर पहुंच गई। जो कि दिवालिया हो चुके देश श्रीलंका से भी ज्यादा है। आंकड़ों के अनुसार, महीने-दर-महीने मुद्रास्फीति 2.41 % रही, जबकि पिछले 10 महीनों (जुलाई से अप्रेल) के लिए औसत मुद्रास्फीति 28.23 % थी। इसमें भी खाद्य महंगाई सबसे ज्यादा 48 % बढ़ी है, जो कि वित्त वर्ष 2016 के बाद सबसे अधिक है। ब्यूरो ने 2016 से ही अलग-अलग श्रेणियों को महंगाई को दर्ज करना शुरू किया है। पड़ोसी मुल्क में इस महंगाई की मार से आमजन की जिंदगी सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। रुपए का मूल्य लगातार कम हो रहा है और वहां खाने पीने की चीजों के दाम तेजी से बढ़े हैं। महंगाई पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ रही है। चिंता की बात ये है कि वित्त मंत्रालय ने महंगाई के कम होने के कोई संकेत नहीं दिए हैं और फिलहाल महंगाई 36 से 38 % ही बने रहने का अनुमान जताया है।
ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बढ़ी महंगाई
आंकड़ों के अनुसार, पाक में लगातार 11 वें महीने के लिए महंगाई 20 % से ऊपर रही। फरवरी में यह 31.6 % पर पहुंच गया, मार्च में 35 % को पार कर गया और अब बढ़कर 36.4 % हो गई है। पिछले साल अप्रैल में ये 13.4 % थी।
मादक पेय और तंबाकू श्रेणी में सबसे अधिक 133.70 % दामों में बढ़ोतरी देखी गई। अप्रैल में सालाना खाद्य मुद्रास्फीति शहरी और ग्रामीण इलाकों में क्रमश: 46.8 % और 52.2 % दर्ज की गई। जबकि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अप्रैल में वार्षिक गैर-खाद्य मुद्रास्फीति क्रमशः 24.9 % और 29.9 % रही। इस तरह, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र मुद्रास्फीति क्रमशः 33.5 % और 40.7% की दर से वर्ष-दर-वर्ष बढ़ी है।
महंगाई ने तोड़े सभी रिकॉर्ड
पाकिस्तान के आरिफ हबीब लिमिटेड की ओर से बताया गया कि 1965 के बाद से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक ये महंगाई दर अब तक की सबसे ज्यादा है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, मंहगाई के मोर्चे पर पाकिस्तान ने दिवालिया हो चुके श्रीलंका को भी अब पीछे छोड़ दिया है। श्रीलंका में बीते महीने मुद्रास्फीति 35.3% थी। जबकि पाकिस्तान में यह 36.4% दर्ज की गई है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, पाकिस्तान में एशिया में सबसे तेजी से कीमतें बढ़ी हैं।
विदेशी कर्ज 38 फीसदी बढ़ा
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2023 के आखिर तक पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़कर 55 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए हो गया था। जनवरी 2022 में ये आंकड़ा 42.39 लाख करोड़ पाक रुपए था। इसका आशय है कि सालभर में पाकिस्तान पर कर्ज में करीब 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें भी घरेलू ऋण बढ़कर 34.3 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए हो गया, जो कि एक साल पहले के आंकड़े से लगभग 25 प्रतिशत अधिक था। जबकि विदेशी कर्ज 20.69 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए हो गया, जिसमें एक साल में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
37 फीसदी बढ़ेगी गरीबीः विश्व बैंक
विश्व बैंक ने कहा है कि पाकिस्तान में 2023 में ग्रोथ दर 0.4 फीसदी रहने का अनु्मान है। वहीं, आम आदमी के लिए किसी तरह की सोशल सिक्योरिटी के अभाव में वित्तीय वर्ष 2023 में निम्न मध्य-आय गरीबी दर बढ़कर 37.2 प्रतिशत होने की आशंका है।
यहां भी संकट
पाकिस्तान के टैक्सटाइल सेक्टर का निर्यात रह गया 1.24 अरब डॉलर, 29 फीसदी की गिरावट
पाकिस्तानी रुपए का मूल्य डॉलर के समक्ष गिरकर रह गया 283.92 रुपए
No comments:
Post a Comment