Wednesday, April 19, 2023

चीन के खतरे से निपटने के लिए ताइवान की तैयारी, नागरिकों ने शुरू की ट्रेनिंग

चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच विवाद जगजाहिर है और किसी से भी छिपा नहीं है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से टेंशन का माहौल है, पर पिछले कुछ महीने में दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ी है। पिछले साल रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद चीन के ताइवान पर हमला करने की संभावना भी बढ़ गई थी। अमरीका के ताइवान को लगातार मिल रहे समर्थन के चलते भी चीन नाराज़ चल रहा है। पिछले कुछ महीनों में चीन ने कई बार ताइवान बॉर्डर के नज़दीक युद्धाभ्यास भी किया है। ऐसे में चीन के ताइवान पर हमला करने की संभावित स्थिति के लिए ताइवान ने तैयार रहने की ठान ली है। इसके लिए ताइवान में एक बड़ा कदम भी उठाया गया है।


ताइवान के नागरिकों ने शुरू की ट्रेनिंग

चीन के ताइवान पर हमला करने की संभावित स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने नागरिकों को तैयार रहने की सलाह दी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ताइवान के नागरिकों ने भी ट्रेनिंग शुरू कर दी है। यह ट्रेनिंग ताइवान की राजधानी ताइपे (Taipei) में स्थित कुमा अकेडमी (Kuma Academy) में चल रही है। इस ट्रेनिंग में ताइवान के नागरिकों को डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है।

कुमा अकेडमी में चल रही डिफेंस की अहम ट्रेनिंग में हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। इस ट्रेनिंग में ताइवान के नागरिकों को खतरे की स्थिति में इवैक्यूएशन की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। साथ ही खतरे की स्थिति का सामना कैसे किया जाए, इसकी भी ट्रेनिंग कुमा अकेडमी में ताइवान के नागरिकों को दी जा रही है। इतना ही नहीं, कुमा अकेडमी में ताइवान के नागरिकों को मेडिकल की ट्रेनिंग भी दी जा रही है जिससे ज़रूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।


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अब तक 10 हज़ार से ज़्यादा लोग ले चुके हैं ट्रेनिंग

कुमा अकेडमी ने अपनी ट्रेनिंग क्लासेज़ जनवरी 2022 से ही शुरू कर दी थी। तब से अब तक 10,000 से ज़्यादा ताइवान के नागरिक कुमा अकेडमी से ट्रेनिंग ले चुके हैं। इस ट्रेनिंग का खर्चा 1,000 ताइवानीज़ डॉलर्स है जिसकी भारतीय करेंसी में वैल्यू करीब 2,687 रुपये है।

चीन और ताइवान में विवाद की क्या है वजह?

दरअसल चीन और ताइवान 1949 में एक-दूसरे से अलग हो गए थे। पर चीन अभी भी ताइवान पर अपना अधिकार जताता है। वहीं ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है। दुनिया के कई देश भी ताइवान को स्वतंत्र देश मानते हैं। इसी वजह से चीन और ताइवान में सालों से विवाद चल रहा है।

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