चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच पिछले कई सालों से चल रही टेंशन जगजाहिर है और किसी से भी छिपी नहीं है। चीन ताइवान पर अपना हक जताता है। दूसरी तरफ ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है जो चीन को पसंद नहीं है। पिछले साल रूस (Russia) के यूक्रेन (Ukraine) पर हमला करने के बाद से ही दोनों देशों के बीच टेंशन और भी बढ़ गई। रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद कई लोग तो यह भी कह रहे थे कि चीन भी ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए जल्द ही ताइवान पर हमला कर सकता है। हालांकि चीन ने अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया है पर दोनों देशों के बीच टेंशन की स्थिति बनी हुई है। इसी बीच हाल ही में अमरीका (United States Of America) ने कुछ ऐसा किया है जिससे चीन हाई अलर्ट पर आ गया है।
ताइवान स्ट्रेट पहुंचा अमरीकी वॉरशिप
हाल ही में अमरीका का वॉरशिप ताइवान के करीब पहुंच गया है। आज ही अमरीकी वॉरशिप USS Milius को ताइवान स्ट्रेट में देखा गया है। ताइवान स्ट्रेट को ताइवान जलसंधि के नाम से भी जाना जाता है। ताइवान स्ट्रेट में दमदार हथियारों से लदे अमरीकी वॉरशिप के देखे जाने से चीन हाई अलर्ट पर आ गया है।
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फ्रीडम ऑफ नैविगेशन ऑपरेशन
अमरीकी वॉरशिप के ताइवान स्ट्रेट में देखे जाने से चीन हाई अलर्ट पर है और इस पूरी स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। वहीं इस बारे में अब अमरीकी नेवी ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। अमरीकी नेवी ने इसे फ्रीडम ऑफ नैविगेशन ऑपरेशन बताया है।
चीन के युद्धाभ्यास के बाद अमरीका का बड़ा कदम
चीन ने कुछ दिन पहले ही ताइवान के पास बड़े लेवल पर युद्धाभ्यास किया था। चीन की आर्मी ने ताइवान के पास तीन दिन तक युद्धाभ्यास किया था। इस युद्धाभ्यास में ताइवान को घेरने का भी अभ्यास किया गया था। चीन के इस युद्धाभ्यास के बाद अमरीका ने अपने वॉरशिप को ताइवान स्ट्रेट में तैनात करके एक बड़ा कदम उठाया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ताइवान और चीन के बीच विवाद में अमरीका ने शुरू से ताइवान का समर्थन किया है।
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