इन दिनों पूरे यूरोप में हड़ताल, प्रदर्शन, धरना, पुलिस से टकराव, आगजनी की तस्वीरें आम हो गई हैं और कमोबेश हर यूरोपीय देश में ये शब्द गूंज रहे हैं। फ्रांस में पेंशन रिफॉर्म को लेकर लोग सड़कों पर हैं, जिसके कारण पूरे फ्रांस में तमाम सेवाएं बाधित हो रही हैं। सड़कों पर कचरों के ढेर नजर आ रहे हैं और सुरक्षा बलों तथा आम आदमी के बीच टकराव के दृश्य आम हो गए हैं। ब्रिटेन में नर्स आदि कर्मचारियों के वेतन में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद नेशनल हेल्थ सर्विस का विवाद तो सुलझ गया है लेकिन रेलवे की आरएमटी यूनियन शनिवार से दूसरी बार 24 घंटे की हड़ताल पर चली गई है। साथ ही ब्रिटेन में अब पसपोर्ट स्टॉफ, बोर्डर सिक्योरिटी फोर्स और हीथ्रो हवाई अड्डे पर सिक्योरिटी गार्ड ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। स्पेन में भी पहले ही एयरपोर्ट कर्मी हड़ताल पर हैं। जर्मनी में भी 4 एयरपोर्ट पर हड़तालों के कारण सैकड़ों फ्लाइट रद्द हो गई हैं। कमोबेश पूरे यूरोप में ऐसे ही हालात हैं। इन सबके मूल में कहीं न कहीं आर्थिक संकट और वेतन बढ़ोतरी की मांग है।
इटली में भी इंडस्ट्रियल एक्शन
इटली भी इन हड़तालों से अछूता नहीं है। इटली में ट्रेनॉर्ड रेलवे कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली ओर्सा फेरोवी यूनियन, 19 मार्च को पूरे लोम्बार्डी क्षेत्र में हड़ताल करने की योजना बना रही है। यहां कर्मचारियों की शिफ्ट को बदलने को लेकर हड़ताल बुलाई गई है। साथ ही इटली में एविएशन सर्विसेज और एविएशन सर्विसेज असिस्टेंस कंपनियों के कर्मचारी भी अगले सप्ताह से हड़ताल पर जा रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन और हड़तालों के कारण सुर्खियों में यूनान
देश के इतिहास में सबसे घातक ट्रेन हादसे का विरोध करने के लिए ग्रीस में गुरुवार को हजारों कामगारों ने काम का बहिष्कार किया। सैकड़ों यूनियनें राजधानी और उसके बाहर 24 घंटे की हड़ताल के लिए प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गए। जिससे उड़ानें, ट्रेन और सार्वजनिक सेवाएं बाधित हो गईं।
मार्च महीने में ब्रिटेन में इन सेक्टर्स में हड़तालें
सेक्टर्स हड़ताल की दिनांक
शिक्षा 1, 2, 15, 16, 17, 20, 21, 22
स्वास्थ्य 13, 14, 15, 20
ट्रांसपोर्ट 15, 16, 18, 30
सिविल सर्विस 15, 20
अन्य 18, 19, 20
मुख्य रूप से महंगाई है असंतोष का कारण
इन दिनों पूरे यूरोप जोन में 9.9 प्रतिशत की महंगाई है। कोविड के बाद से यूक्रेन युद्ध से जूझ रहा यूरोप इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है। भारी मुद्रास्फीति के साथ ग्रोथ रेट को झटका लगा है। रोजगार के बेहतर अवसर कम होने के साथ लोगों की आय भी कम हुई है। इससे लोग वेतन वृद्धि और दूसरे कारणों को लेकर सड़कों पर हैं, वहीं सरकारों को कोशिश है कि खर्च कम से कम किया जाए, जिसके कारण फ्रांस में पेंशन रिफॉर्म जैसे कदम देखने को मिल रहे हैं, जिनका भारी विरोध हो रहा है।
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