Thursday, March 30, 2023

इनकम टैक्स से टीडीएस तक पर्सनल फाइनेंस के कई नियमों में होगा एक अप्रैल से बदलाव

फाइनेंस के कई नियमों में अप्रैल के पहले दिन से बदलाव होता है। इसकी वजह है नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत। हर साल 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है, जो अगले साल 31 मार्च को खत्म होता है। आने वाले 31 मार्च को यानी कि कल वित्तीय वर्ष 2022-23 का समापन हो रहा है। वहीं परसों यानी कि 1 अप्रैल से वित्तीय वर्ष 2023-24 शुरू हो रहा है। नए वित्तीय वर्ष में फाइनेंस से जुड़े कई बदलाव होने वाले हैं, जिनके बारे में जानना ज़रूरी है।


किन नियमों में होंगे बदलाव?

इनकम टैक्स


1 अप्रैल से इनकम टैक्स (Income Tax) नियमों में बदलाव होंगे। अप्रैल के पहले दिन से इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट 5 लाख रुपये से बढ़कर 7 लाख रुपये हो जाएगी। यानी कि जिन लोगों की सालाना इनकम 7 लाख रुपये से कम है उन्हें किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि इसके लिए उन्हें इनकम टैक्स के नए रेजिमे को चुनना होगा। पुराने रेजिमे पर नए वित्तीय वर्ष से इनकम टैक्स स्लैब्स बदल जाएंगी। 0 से 3 लाख तक कुछ भी टैक्स नहीं होगा। वहीं टैक्स रेट्स 3 लाख से 6 लाख तक 5%, 6 लाख से 9 लाख तक 10%, 9 लाख से 12 लाख तक 15%, 12 लाख से 15 लाख तक 20% और 15 लाख से ऊपर 30% होगी।


टीडीएस


1 अप्रैल से टैक्स फ्री इनकम होने पर टीडीएस (TDS - Tax Deducted at Source) नहीं कटेगा। ऑनलाइन गेमिंग में जीती गई राशि पर 1 अप्रैल से 30% टीडीएस कटेगा।

एनपीएस

1 अप्रैल से एनपीएस के नियमों में भी बदलाव होगा। NPS यानी कि नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) एनपीएस की मैच्योरिटी के समय एक एनपीएस सब्सक्राइबर को एन्युइटी प्लान खरीदने के लिए वर्तमान में कुल उपार्जित कॉर्पस (जमा की हुई पूँजी) के कम से कम 40% हिस्से का उपयोग करना होगा। एनपीएस कॉर्पस के बचे हुए 60% की एकमुश्त राशि की निकासी की अनुमति दी जाती है।

सब्सक्राइबर के पास एनपीएस की मैच्योरिटी पर पूरी एकमुश्त निकासी का विकल्प तभी होगा जब कॉर्पस की पूरी राशि 5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है। वहीँ 60 वर्ष की उम्र से पहले एक जीवन बीमा फर्म से एक सालाना पेंशन योजना खरीदने के लिए एक एनपीएस सब्सक्राइबर को कुल एनपीएस कॉर्पस के 80% उपयोग करना होगा।

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