आतंकवाद (Terrorism) दुनियाभर में एक बड़ी समस्या है। दुनिया के कई देश आतंकवाद की गिरफ्त में हैं। इनमें पाकिस्तान (Pakistan) भी शामिल है। पाकिस्तान का नाम सुनते ही मन में जो पहला ख्याल आता है वो है आतंकवाद। लंबे समय से पाकिस्तान ने आतंकवाद को पनपने में मदद की है। पर एक कहावत है - "जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है वो खुद उसमें गिरता है।" आतंकवाद और पाकिस्तान के मामले में यह कहावत सटीक बैठती है। एक समय जहाँ पाकिस्तान दुनिया के कई देशों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद करता था, आज वो पाकिस्तान खुद भी आतंकवाद से अछूता नहीं रह गया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान अब दुनियाभर में आतंकवाद का सिरमौर बन गया है।
अफगानिस्तान को छोड़ा पीछे
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) को पीछे छोड़ दिया है। दुनियाभर में सबसे ज़्यादा आतंक-प्रभावित देशों में पाकिस्तान अब टॉप पर आ गया है। पाकिस्तान में पिछले कुछ साल में आतंकवाद की वजह से हालात काफी बिगड़ गए हैं। ग्लोबल टेररिज़्म रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों की वजह से हुई मौतों का आँकड़ा 643 रहा, जो पाकिस्तान के इतिहास में एक साल में आतंकवाद की वजह से हुई सबसे ज़्यादा मौतें हैं।
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आर्मी भी नहीं रही आतंक के प्रभाव से अछूती
पाकिस्तान की आर्मी भी आतंक के प्रभाव से अछूती नहीं रह सकी। ग्लोबल टेररिज़्म रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों की वजह से मरने वाले लोगों में 55% लोग पाकिस्तान आर्मी के सैनिक थे।
किन आतंकी संगठनों की वजह से पाकिस्तान में बढ़ा आतंकवाद?
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (Balochistan Liberation Army) नाम का आतंकी संगठन आतंकवाद को बढ़ाने के लिए सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार है। पाकिस्तान में 36% आतंकी घटनाओं को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ही अंजाम दिया है। तहरीक-ए-तालिबान (Tahreek-e-Taliban) नाम का आतंकी संगठन भी पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं को बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार है।
इसके अलावा ISIS और कुछ लोकल आतंकी संगठन भी पाकिस्तान में कुछ मौकों पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
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