लाहौर हाईकोर्ट के आदेश पर पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार संघीय सरकार ने उन बेशकीमती उपहारों की सूची जारी की है जो कि देश के शीर्ष पदाधिकारियों के मिले थे और जिनको राष्ट्रीय संपत्ति मानकर तोशखाने (राष्ट्रीय कोषागार) में जमा करा दिया गया था। 446 पेज के इन दस्तावेजों में 2002 से 2023 तक तोशखाने में उपहारों के जमा होने और उनके निकाले जाने का ब्योरा है। इसमें पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे नवाज शरीफ, इमरान खान, आसिफ अली जरदारी, शाहिद खाकान अब्बासी और परवेज मुशर्रफ के मिले उपहारों की पूरा ब्योरा दिया गया है। तोशाखाना गिफ्ट कंट्रोवर्सी से साफ है कि देश के पूर्व पीएम समेत कई नेताओं ने सत्ता का दुरुपयोग किया है। इससे पता चला है कि करोड़ों के गिफ्ट लाखों में लिए गए हैं और इमरान के अलावा शरीफ परिवार भी इसमें आगे रहा है।
क्या है तोशाखाना विवाद
तोशाखाने का मतलब ऐसे कमरे से है जहां राजा या अमीरों के कपड़े, गहने आदि महंगी चीजें संभालकर रखे जाते हैं। पाकिस्तान में सरकार के कोषागार को तोशाखाना नाम दिया गया है। पाक कानून के अनुसार, पदाधिकारियों के लिए कैबिनेट डिवीजन को उपहार और इस तरह के अन्य कीमती सामान की रिपोर्ट करना अनिवार्य है। हालांकि, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इस नियम से छूट दी गई है और वे 30,000 से कम कीमत के उपहार रख सकते हैं। उपहार की कीमत इससे ज्यादा होने पर वे उपहार के मूल्य का निश्चित प्रतिशत का भुगतान करके महंगे उपहारों को अपने पास रख सकते हैं।
सोमवार को फिर इमरान के खिलाफ आया गिरफ्तारी वारंट
तोशाखाना विभाग पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कार्रवाही के मद्देनजर खबरों में बना हुआ है। इसका कारण है तोशाखाना उपहारों का विवरण साझा नहीं करना। विवादों के केंद्र में एक महंगी ग्रेफ कंपनी की हाथ घड़ी (850 लाख पाक रुपया) भी शामिल है, जिसे इमरान ने तोशखाने से रियायती मूल्य पर प्राप्त किया था और फिर लाभ के लिए महंगे में बेच दिया था। सोमवार को भी तोशाखाना मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर सोमवार को पीटीआई के अध्यक्ष के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए गया।
उपहारों पर जरदारी की नजर रहे सबसे काली
नाम व पद कब्जाए तोहफों की संख्या
आसिफ अली जरदारी 181 (10 प्रतिशत या उससे कम कीमत चुकाई)
(पूर्व राष्ट्रपति)
नवाज शरीफ 55 (10-15 प्रतिशत कीमत चुकाई)
(पूर्व प्रधानमंत्री)
शाहिद खाकान अब्बासी 27 (10-20 प्रतिशत कीमत चुकाई)
(पूर्व प्रधानमंत्री)
इमरान खान 112 (20 प्रतिशत से कम कीमत चुकाई)
(पूर्व प्रधानमंत्री)
परवेज मुशरर्फ 126 (15 प्रतिशत कीमत चुकाई)
(पूर्व राष्ट्रपति)
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