Thursday, October 5, 2023

जापान में 6.6 तीव्रता का जोरदार भूकंप, मौसम विभाग ने जारी की सुनामी की चेतावनी

दुनियाभर में भूकंप के मामले पिछले एक साल में तेज़ी से बढ़े हैं। हर दिन दुनियाभर में किसी न किसी जगह भूकंप के मामले सामने आते हैं और वो भी एक दिन में एक से ज़्यादा। भूकंपों की इस लिस्ट में आज एक और भूकंप जुड़ गया है। आज गुरुवार, 5 अक्टूबर को जापान (Japan) के इज़ू आइलैंड्स (Izu Islands) पर भूकंप आया। लोकल समयानुसार यह भूकंप सुबह करीब 11 बजे आया और इसकी तीव्रता 6.6 रही। जापान की जियोफिज़िक्स एजेंसी ने भी इस भूकंप की पुष्टि की।


कितनी रही भूकंप की गहराई?

जापान के इज़ू आइलैंड्स में आज आए भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर रही।

मौसम विभाग ने जारी की सुनामी की चेतावनी

जापान के इज़ू आइलैंड्स में आज आए भूकंप के बाद जापान के मौसम विभाग ने एक चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी सुनामी को लेकर है। हालांकि सुनामी का खतरा ज़्यादा नहीं है, फिर भी मौसम विभाग ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।


कोस्टल इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह

इज़ू आइलैंड्स पर भूकंप के बाद 30 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक लहरें उठी थी। मौसम विभाग के अनुसार 1 मीटर की ऊंचाई तक लहरों के उठने की संभावना है। हालांकि यह बहुत ज़्यादा नहीं है, पर फिर भी मौसम विभाग ने कोस्टल इलाकों में रहने वाले लोगों को सुनामी की आशंका के चलते ऊंची और सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी है।

tsunami_alert.jpg


चिंताजनक है भूकंप के मामलों का बढ़ना

पिछले एक साल में दुनियाभर में भूकंप के मामले बढ़ रहे हैं। दुनियाभर में पिछले एक साल में किसी न किसी जगह भूकंप के मामले देखने को मिलते हैं। कुछ भूकंपों से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है, पर पिछले कुछ महीनों में कुछ ऐसे भी भूंकप देखने को मिले हैं जिनसे भारी तबाही मची है। पिछले साल इंडोनेशिया (Indonesia) में आए भूकंप और इस साल तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में आए भूकंप ने काफी तबाही मचाई थी। पिछले महीने 8 सितंबर को ही मोरक्को (Morocco) में आए भूकंप ने भी काफी तबाही मचाई। हालांकि सभी भूकंप तबाही नहीं मचाते, पर भूकंप के मामलों का बढ़ना चिंताजनक है।

यह भी पढ़ें- अमेरिका की संसद ने स्पीकर केविन मैक्कार्थी को पद से हटाया, 234 साल के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा



सुनक ने की ब्रिटेन में सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को पार्टी नेता के रूप में कंजरवेटिव पार्टी के अपने पहले सम्मेलन को संबोधित किया। सुनक ने यहां कहा कि, ब्रिटेन एक नस्लवादी देश नहीं है और उनकी गाथा एक ब्रिटिश कहानी है। सुनक ने कहा कि ब्रिटेन एक नस्लवादी देश नहीं है और यहां उनकी त्वचा का रंग कोई 'बड़ी बात’ नहीं है। पीएम पद का कार्यभार संभालने के लगभग एक साल बाद सुनक के इस भाषण को उनके राजनीतिक करियर का सबसे महत्वपूर्ण भाषण माना जा रहा है। एक घंटे से लंबे चले इस भाषण में सुनक ने करीब 7500 शब्द बोले।

अक्षता ने कराया सुनक का परिचय, 14 साल बाद भी हूं आकर्षित
अपने पति के कंजरवेटिव पार्टी के इस पहले सम्मेलन के लिए सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति ने राजनीतिक मंच पर पहली बार पदार्पण किया। वह मैनचेस्टर में कंजरवेटिव पार्टी के सम्मेलन में अपने पहले भाषण के लिए सबसे अच्छे दोस्त ऋषि सुनक का परिचय देने के लिए सामने आईं। इस दौरान उन्होंने कहा कि शादी को 14 साल हो गए हैं लेकिन वे आज भी ऋषि सुनक के प्रति आकर्षित हैं। अक्षता ने कहा, ऋषि के साथ रहना मेरी जिंदगी का सबसे आसान फैसला था।


ईमानदारी सुनक की ताकत
अक्षता ने बताया कि वे बिना निमंत्रण के यहां आईं और इस बारे में उनके पति को भी पता नहीं है। अक्षता ने कहा कि मैं आज उन्हें और पार्टी को अपना समर्थन दिखाने के लिए यहां आई हूं। इस मौके पर मैं कहीं दूसरी जगह होने के बारे में सोच भी नहीं सकती। अक्षता ने कहा, सुनक की जिस चीज ने मुझे उनकी ओर सबसे ज्यादा आकर्षित किया, वह थी उनके चरित्र की ताकत, उनकी ईमानदारी, उनकी सत्यनिष्ठा और सही-गलत की दृढ़ समझ।

मार्गरेट थैचर से जोड़ा
इसके बाद सुनक ने अपने भाषण में खुद को जानी-मानी कंजरवेटिव नेता मार्गरेट थैचर से जोड़ा। फार्मेसी चलाने वाले परिवार में पैदा हुए सुनक ने कहा कि उनकी पार्टी एक किराने वाली की बेटी और फार्मेसी वाले के बेटे की पार्टी है। सुनक ने इस मौके पर तीन अहम घोषणाएं की, जिनकी हर ओर चर्चा हो रही है।

16 से 19 साल के बीच अंग्रेजी और गणित का अध्ययन अनिवार्य
इस मौके पर सुनक ने कहा कि वे शिक्षा के क्षेत्र में नए ब्रिटिश स्टैंडर्ड को प्रस्तावित कर रहे हैं। इसके अंतर्गत हर 16 से 19 वर्ष के छात्र को अब गणित और अंग्रेजी पढ़ना अनिवार्य होगा और उन्हें कुल 5 विषय पढ़ने होंगे। इसके लिए व्यापक पैमाने पर शिक्षकों की भर्तियां की जाएंगी।

सिगरेट पर बैन
सुनक ने यहां घोषणा की है कि आने वाले समय में बच्चे ब्रिटेन में सिगरेट नहीं खरीद पाएंगे। इसके लिए वे हर साल सिगरेट खरीदने के लिए उम्र को बढ़ाना चाहता हैं। अब ब्रिटेन में 14 साल से कम के बच्चे सिगरेट नहीं खरीद पाएंगे और इसमें हर वर्ष एक साल की बढ़ोतरी होती जाएगी।

पुरुष तो हमेशा पुरुष रहेंगे
वहीं एक अन्य बयान से सुनक विवादों में भी घिर गए हैं। सुनक ने कहा कि ये कहना सही नहीं कि कोई भी अपनी सोच के अनुसार पुरुष या महिला कुछ भी हो सकता है। पुरुष हमेशा पुरुष रहेंगे और महिला हमेशा महिला। ये एक सामान्य समझ की बात है। सुनक के इस कथन को एक तरह से ट्रांसजेंडर पहचान पर सवाल उठाने से जोडा़ जा रहा है।



Wednesday, October 4, 2023

लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने फिर किया बवाल, तिरंगे को जलाकर किया अपमान

जब से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर झूठा और बेबुनियाद आरोप लगाया है, तभी से लगातार खालिस्तान समर्थक भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। भारत को समय-समय पर धमकी देने के साथ ही ये खालिस्तान समर्थक भारत का अपमान करने से भी पीछे नहीं हट रहे। हाल ही में इन खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में बवाल मचाया। 2 अक्टूबर को खलिस्तन समर्थकों के एक समूह ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान इन अलगाववादियों ने भारत विरोधी नारे भी लगाए।


तिरंगे का किया अपमान

खालिस्तान समर्थकों के इस समूह ने न सिर्फ लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया, बल्कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान भी किया। इन अलगाववादियों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर लगे तिरंगे को उतारकर जला दिया। इतना ही नहीं, दल खालसा यूके नाम के खालिस्तान समर्थक संगठन का नेतृत्व करने वाले गुरचरण सिंह ने भारतीय तिरंगे पर गोमूत्र डालकर भी इसका अपमान किया।



गुरचरण सिंह को पुलिस ने किया गिरफ्तार

प्रदर्शन के दौरान गुरचरण सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस बात का अन्य प्रदर्शनकारियों ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने एक न सुनी और गुरचरण को अपने साथ ले गई।

परमजीत सिंह पम्मा ने भी उगला जहर

लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन में परमजीत सिंह पम्मा भी शामिल हुआ। पम्मा खालिस्तान टाइगर फोर्स का सदस्य है और NIA की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में भी शामिल है। प्रदर्शन के दौरान पम्मा ने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला।

यह भी पढ़ें- अमेरिका की संसद ने स्पीकर केविन मैक्कार्थी को पद से हटाया, 234 साल के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा



अमेरिका की संसद ने स्पीकर केविन मैक्कार्थी को पद से हटाया, 234 साल के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

अमेरिका (United States Of America) की संसद में मंगलवार को कुछ ऐसा हुआ जो शायद ही किसी ने सोचा होगा। अमेरिकी संसद ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए स्पीकर केविन मैक्कार्थी (Kevin Mccarthy) को उनके पद से हटा दिया है। केविन को इसी साल 7 जनवरी को अमेरिकी संसद का स्पीकर चुना गया था। हालांकि उनका कार्यकाल ज़्यादा लंबा नहीं चला और 3 अक्टूबर को ही उन्हें संसद स्पीकर के पद से हटा दिया गया।


मैक्कार्थी की रिपब्लिकन पार्टी ने ही पेश किया था प्रस्ताव

हैरानी की बात यह है कि मैक्कार्थी को अमेरिकी संसद के स्पीकर पद से हटाने का प्रस्ताव उन्हीं की रिपब्लिकन पार्टी ने पेश किया था। जी हाँ, आपने सही पढ़ा। ऐसे में मैक्कार्थी को संसद के स्पीकर पद से हटाने के समर्थन में 216 वोट मिले और उन्हें इस पद पर बरकरार रखने के समर्थन में 210 वोट मिले। ऐसे में 210 की तुलना में 216 वोट की वजह से मैक्कार्थी को अमेरिकी संसद के स्पीकर पद से हटा दिया गया।


234 साल के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

अमेरिका के 234 साल के इतिहास में यह पहला मौका था जब एक संसद के सदन से स्पीकर को हटाया गया।

क्यों हुई संसद स्पीकर के पद से मैक्कार्थी की छुट्टी?

अमेरिका की संसद के स्पीकर पद से मैक्कार्थी की छुट्टी के पीछे वजह उनकी रिपब्लिकन पार्टी की नाराज़गी बताई जा रही है। रिपब्लिकन पार्टी मैक्कार्थी के कुछ फैसलों से नाराज़ चल रही थी। जानकारी के अनुसार अमेरिका में शटडाउन टालने के लिए लाए गए प्रस्ताव को पास कराने में मैक्कार्थी की भी भूमिका थी। मैक्कार्थी ने शटडाउन रोकने के लिए लाए गए फंडिंग बिल को पारित करने में अहम भूमिका निभाते हुए इसे संसद में पारित कराया था। इतना ही नहीं, कुछ महीने पहले क़र्ज़ में डूबे अमेरिका को संकट से बाहर निकालने में भी मैक्कार्थी ने राष्ट्रपति जो बाइडन का सहयोग किया था। इन दोनों वजहों से उनकी पार्टी उनसे नाराज़ चल रही थी।

पैट्रिक मैकहेनरी को मिली कार्यवाहक स्पीकर की ज़िम्मेदारी

अमेरिका की संसद को जब तक नया स्पीकर नहीं मिलता, तब तक रिपब्लिकन पार्टी के पैट्रिक मैकहेनरी (Patrick McHenry) को सदन के कार्यवाहक स्पीकर की ज़िम्मेदारी सौंपी गई गई।

patrick_mchenry.jpg


यह भी पढ़ें- सोमालिया में नहीं है पत्रकारों की राह आसान, पर महिलाओं ने संभाल रखी है कमान



सोमालिया में नहीं है पत्रकारों की राह आसान, पर महिलाओं ने संभाल रखी है कमान

सोमालिया (Somalia) एक पूर्व अफ्रीकी देश है। और दूसरे अफ्रीकी देशों की ही तरह सोमालिया में भी स्थिति काफी खराब है। सोमालिया में अपराध और आतंकवाद फैला हुआ है। इस वजह से सोमालिया में जीवन आसान नहीं है। और बात अगर पत्रकारिता की करें, तो सोमालिया को दुनियाभर में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देशों में से एक माना जाता है। सोमालिया में पत्रकारिता करने का मतलब है अपनी जान को जोखिम में डालना। अक्सर ही सोमालिया में कई पत्रकारों को बंधक बनाने, प्रताड़ित करने के मामले सामने आते हैं। सोमालिया में कई पत्रकारों की तो प्रताड़नाओं के चलते मौत भी हो चुकी है। पर सभी मुश्किलों के बावजूद सोमालिया में महिलाओं ने कमान संभाल रखी है।


बिलान मीडिया

सोमालिया में कुछ महिलाएं मिलकर बिलान मीडिया (Bilan Media) नाम से न्यूज़रूम चलाती है। यह सोमालिया का एकमात्र ऐसा न्यूज़रूम है जिसे पूरी तरह से महिलाएं चलाती हैं। बिलान मीडिया में काम करने वाली महिलाएं खुलकर काम करती हैं। महिलाएं ही इस बात का फैसला करती हैं कि बिलान मीडिया पर कब और क्या कवर किया जाएगा। बिलान मीडिया पर महिलाओं के मुद्दों को भी अहमियत दी जाती है। सोमालिया में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में बिलान मीडिया के माध्यम से महिलाओं के मुद्दों को उठाकर जागरूकता लाने की कोशिश की जाती है।

bilan_media_.jpg


कैसे होती है बिलान मीडिया की फंडिंग?

बिलान मीडिया को सोमालिया की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती। यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम की तरफ से बिलान मीडिया को समर्थन के साथ ही फंडिंग भी मिलती है। इससे बिलान मीडिया बिना पैसे की चिंता के काम कर पता है।

यह भी पढ़ें- अमेरिका में फिर गन वायलेंस का कहर, बाल्टीमोर की यूनिवर्सिटी में गोलीबारी में 5 घायल



अमेरिका में फिर गन वायलेंस का कहर, बाल्टीमोर की यूनिवर्सिटी में गोलीबारी में 5 घायल

अमेरिका (United States of America) में गन वॉयलेंस (Gun Violence) कितनी गंभीर समस्या है इस बात से पूरी दुनिया वाकिफ है। अमेरिका में गन वॉयलेंस की समस्या नई नहीं, बल्कि काफी पुरानी है। आए दिन ही अमेरिका में गोलीबारी के मामले सामने आते रहते हैं। गन वॉयलेंस की वजह से हर साल अमेरिका में कई लोगों की जान जाती हैं और उससे भी ज़्यादा लोग घायल होते हैं। अमेरिका में गन वॉयलेंस से न तो पब्लिक प्लेस सुरक्षित हैं, न ही प्राइवेट प्लेस। हाल ही में अमेरिका में गन वॉयलेंस का एक और मामला सामने आया है। यह मामला बाल्टीमोर (Baltimore) शहर की मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी (Morgan State University) का है।


यूनिवर्सिटी में गोलीबारी, 5 लोग घायल

जानकारी के अनुसार अमेरिकी समयानुसार मंगलवार रात 3 शूटर्स ने इस घटना को अंजाम दिया और कैंपस में स्टूडेंट्स में गोली चलाई। इस हादसे में 5 लोग घायल हो गए, जिनमें से 4 स्टूडेंट्स हैं। हालांकि कोई भी गंभीर स्थिति में नहीं है।

शूटर्स की तलाश जारी

गोलीबारी की इस घटना को अंजाम देने वाले शूटर्स की पुलिस तलाश कर रही है। अभी तक तीनों शूटर्स पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।


क्लासेज़ हुई रद्द

मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में गोलीबारी की वजह से यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने बुधवार को सभी क्लासेज़ रद्द करने का फैसला लिया है।

गन वॉयलेंस में नहीं हो रही कमी

गन वॉयलेंस अमेरिका में पिछले कुछ समय से नहीं, बल्कि लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है। अमेरिका में गन खरीदना उतना ही आसान है जितना भारत में सब्जी खरीदना। एक छोटा बच्चा भी अमेरिका में गन खरीद सकता है और वहाँ गन की खरीद पर कोई सख्त कानून नहीं है। ऐसे में अमेरिका में गन वॉयलेंस की वजह से हर साल बड़ी संख्या में लोगों की जान जाती हैं और उससे भी ज़्यादा लोग घायल हो जाते हैं। पर इन सबके बावजूद इन मामलों में किसी तरह की कोई कमी देखने को नहीं मिल रही।

यह भी पढ़ें- आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना की बड़ी कार्रवाई, 10 को किया ढेर



आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना की बड़ी कार्रवाई, 10 को किया ढेर

जो पाकिस्तान लंबे समय तक आतंक को पनपाने में आगे रहा है, वो अब खुद भी आतंक की गिरफ्त से है। पाकिस्तान में पिछले कुछ साल में आतंकी हमलों में काफी इजाफा देखने को मिला है। जब से तालिबान की अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी हुई है, तभी से पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। इसी वजह से पाकिस्तान में समय-समय पर आतंकी हमलों के मामले देखने को मिलते हैं। सबसे ज़्यादा आतंकी गतिविधियाँ खैबर पख्तूनख्वा राज्य में देखने को मिलती हैं, क्योंकि इसकी बॉर्डर अफगानिस्तान से लगी है। ऐसे में खैबर पख्तूनख्वा के ज़रिए कई आतंकी पाकिस्तान में आ जाते हैं और आसानी से निकल भी जाते हैं। ये आतंकी पाकिस्तानी सेना पर हमला करने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसे में हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने इन आतंकियों के खिलाफ एक्शन लिया।


10 आतंकियों को किया ढेर

पाकिस्तानी सेना की एक टुकड़ी ने सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के टैंक जिले में छिपे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की। पाकिस्तानी सेना ने सीक्रेट मिलिट्री ऑपरेशन चलाते हुए आतंकियों पर हमला बोल दिया। दोनों तरफ फायरिंग हुई। पाकिस्तान की सेना के कुछ सैनिकों को भी गोली लगी, पर किसी की भी मौत नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ। वहीं पाकिस्तानी सेना ने 10 आतंकियों को ढेर कर दिया। इस बात की जानकारी मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई।

pakistani_soldiers.jpg


हथियार किए बरामद

पाकिस्तानी सेना ने सिर्फ आतंकियों को ढेर ही नहीं किया, बल्कि उनके ठिकाने से हथियार भी बरामद किए। पाकिस्तानी सेना ने भारी मात्रा में गोला-बारूद, बम, बंदूकें बरामद की।

यह भी पढ़ें- इटली में दर्दनाक रोड एक्सीडेंट, बस में आग लगने से 21 लोगों की मौत



इटली में दर्दनाक रोड एक्सीडेंट, बस में आग लगने से 21 लोगों की मौत

दुनियाभर में अक्सर ही रोड एक्सीडेंट के कई मामले देखने को मिलते हैं। रोड सेफ्टी को वैसे तो हर देश में बेहद ही अहम माना जाता है, पर अक्सर ही इसमें चूक होने से रोड एक्सीडेंट्स के मामले सामने आते हैं। ऐसे ही एक रोड एक्सीडेंट का मामला पिछली रात को घटित हुआ। मंगलवार रात को इटली (Italy) के वेनिस (Venice) में मेस्त्रे इलाके में एक भीषण रोड एक्सीडेंट हो गया। यात्रियों से भरी एक बस पुल से पलटकर गिर गई। जानकारी के अनुसार बस मीथेन से चलने वाली थी और बस के पलटकर गिरने से उसमें आग लग गई और कुछ ही देर में बस जलकर खाक हो गई।


21 लोगों की मौत

वेनिस में बस एक्सीडेंट में 21 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 2 बच्चे और कुछ विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। साथ ही 18 लोग इस एक्सीडेंट में घायल हो गए। घायलों को नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहाँ उनका इलाज चल रहा है।


यह भी पढ़ें- विवेक रामास्वामी को है बच्चों का ध्यान रखने वाली नैनी की तलाश, 83 लाख सैलरी देने के लिए तैयार



Tuesday, October 3, 2023

पाकिस्तान में कंगाली से जनता बेहाल, पैसों के लिए किडनी बेचने को हुए मजबूर

पाकिस्तान (Pakistan) में आर्थिक उथल-पुथल से राहत नहीं मिल रही है। देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है और यह बात किसी से भी छिपी नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था की कमर टूटी हुई है और देश कंगाल हो चुका है। पाकिस्तान में कंगाली का सबसे बुरा असर देश की गरीब जनता पर पड़ रहा है। पाकिस्तान में खाने-पीने की चीज़ें, पेट्रोल-डीज़ल, बिजली की कीमत बहुत ज़्यादा बढ़ गई है। इससे गरीब जनता पर महंगाई की बुरी मार पड़ रही है। पैसों के लिए कई लोग तो कुछ ऐसा करने के लिए मजबूर हो गए हैं जिसके बारे में जानकार आपको हैरानी होगी।


पैसों के लिए लोग किडनी बेचने को हुए मजबूर

पाकिस्तान में गरीब जनता पैसों के लिए इतनी मोहताज जो गई है कि कई लोग तो अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर हो गए हैं। अपना घर चलाने के लिए इन लोगों के पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं बचा है। ऐसे में इन्हें अपनी किडनी बेचनी पड़ रही है।

किडनी की तस्करी करने वाला गिरोह एक्टिव

पाकिस्तान में लोगों की मजबूरी को देखते हुए किडनी की तस्करी करने वाला गिरोह भी एक्टिव है। किडनी की तस्करी करने वाले गिरोह के मुखिया फवाद मुख्तार को पुलिस पहले 5 बार गिरफ्तार कर चुकी है पर वह हर बार जमानत पर बाहर आ जाता है। फवाद पर करीब 300 किडनी निकालकर उनकी तस्करी का आरोप है। फवाद का गिरोह गरीबों की मजबूरी को देखते हुए उनके घर जाकर ही उनकी किडनी निकाल लेता है और इसके बदले उन्हें कुछ लाख रुपये दे देता है। बाद में इन्हीं किडनियों को फवाद का गिरोह विदेशों में बेच देता है और उनके बदले कई लाख से लेकर करोड़ों रुपये तक वसूलता है।

kidney_removing.jpg


कुछ लोगों की हुई मौत

किडनी निकाले जाने की वजह से कुछ लोगों की मौत भी हो गई है, जिसके बारे में पुलिस ने जानकारी दी। पुलिस के अनुसार किडनी की तस्करी करने वाला यह गिरोह पाकिस्तान में अलग-अलग जगह एक्टिव है। कुछ लोगों की किडनी तो बिना बताए निकाल ली गई।

यह भी पढ़ें- नेपाल में दो भूकंपों से दहली धरती, रिक्टर स्केल पर रही 4.6 और 6.2 की तीव्रता





नेपाल में दो भूकंपों से दहली धरती, रिक्टर स्केल पर रही 4.6 और 6.2 की तीव्रता

दुनियाभर में भूकंप के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। पिछले एक साल में दुनियाभर में भूकंप के मामलों में इजाफा हुआ है। हर दिन एक से ज़्यादा भूकंप आ रहे हैं और वो भी अलग-अलग जगह। भूकंपों की इस लिस्ट में आज एक और नया मामला जुड़ गया है। नेपाल (Nepal) में आज दो भूकंपों ने धरती को दहला दिया। दोनों भूकंप आज, मंगलवार, 3 अक्टूबर को दिपायल से नॉर्थईस्ट में आए। पहला भूकंप भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर आया और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 रही। दूसरा भूकंप भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 52 मिनट पर आया और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.2 रही। इस भूकंप का असर भारत (India) और चीन (China) में भी अलग-अलग शहरों में महसूस किया गया। भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) ने दोनों भूकंपों की पुष्टि की।


कितनी रही गहराई?

नेपाल में आए पहले भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर रही और दूसरे भूकंप की गहराई 5 किलोमीटर रही।

कितना हुआ नुकसान?

नेपाल में आए दोनों भूकंपों से कितना नुकसान हुआ, इस बात की जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। हालांकि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में झटकों की वजह से लोगों में भगदड़ ज़रूर मच गई। लोग भागकर अपने-अपने घरों और बिल्डिंग्स से बाहर निकल गए।

भूकंप के मामलों का बढ़ना है चिंताजनक

पिछले एक साल में दुनियाभर में भूकंप के मामले बढ़ रहे हैं। दुनियाभर में पिछले एक साल में किसी न किसी जगह भूकंप के मामले देखने को मिलते हैं। कुछ भूकंपों से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है, पर पिछले कुछ महीनों में कुछ ऐसे भी भूंकप देखने को मिले हैं जिनसे भारी तबाही मची है। पिछले साल इंडोनेशिया में आए भूकंप और इस साल तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में आए भूकंप ने काफी तबाही मचाई थी। कुछ दिन पहले 8 सितंबर को ही मोरक्को (Morocco) में आए भूकंप ने भी काफी तबाही मचाई। हालांकि सभी भूकंप तबाही नहीं मचाते, पर भूकंप के मामलों का बढ़ना चिंताजनक है।


यह भी पढ़ें- अमेरिका में प्लेन क्रैश, नॉर्थ डकोटा के सीनेटर डग लार्सन की परिवार और पायलट समेत मौत




अमेरिका में प्लेन क्रैश, नॉर्थ डकोटा के सीनेटर डग लार्सन की परिवार और पायलट समेत मौत

अमेरिका (United States Of America) में हाल ही में एक दर्दनाक हादसे का मामला सामने आया है। यूटा (Utah) राज्य के मोआब (Moab) शहर शहर से 24 किलोमीटर नॉर्थ में एक प्लेन क्रैश हो गया। यह हादसा सोमवार को हुआ। यह एक सामान्य साइज़ का पैसेंजर प्लेन नहीं था, बल्कि एक छोटी साइज़ का पैसेंजर प्लेन था और हादसे के समय इस प्लेन में पायलट समेत 5 लोग मौजूद थे। जानकारी के अनुसार इस प्लेन क्रैश में सभी 5 लोगों की मौत हो गई।


मरने वालों में नॉर्थ डकोटा के सीनेटर डग लार्सन भी शामिल

यूटा राज्य के मोआब शहर में हुए दर्दनाक प्लेन क्रैश में जिन 5 लोगों की मौत हुई उनमें नॉर्थ डकोटा (North Dakota) के सीनेटर डग लार्सन (Doug Larsen) भी शामिल थे। मरने वाले अन्य लोगों में लार्सन की पत्नी और दो बच्चे भी थे। इसके अलावा प्लेन के पायलट की भी इस हादसे में मौत हो गई।


प्लेन क्रैश की वजह का नहीं चला पता

जिस प्लेन में सीनेटर लार्सन और उनका परिवार ट्रैवल कर रहे थे, उसके क्रैश होने की वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है।

मामले की जांच शुरू

अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन एंड नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड ने इस प्लेन क्रैश के मामले की जांच शुरू कर दी है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी।

यह भी पढ़ें- PoK में फिर छिड़े बगावती सुर, बलूचिस्तान से खैबर पख्तूनख्वा तक उठी पाकिस्तान से आज़ादी की मांग



PoK में फिर छिड़े बगावती सुर, बलूचिस्तान से खैबर पख्तूनख्वा तक उठी पाकिस्तान से आज़ादी की मांग

पीओके (PoK) में अक्सर ही अशांति छाई रहती है। समय-समय पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) में असंतोष की भावना देखने को मिलती है। यूँ तो पीओके में विद्रोह काफी समय से चल रहा है, पर पिछले कुछ समय से यह बढ़ गया है। पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बगावत के सुर तेज़ हो गए हैं। लोग खुलकर पाकिस्तान सरकार और सेना का विरोध कर रहे हैं। इससे पीओके में पाकिस्तान की वर्तमान कार्यवाहक सरकार के नेताओं में भी चिंता बढ़ रही है। साथ ही सरकार और सेना के लिए भी यह चिंता की बात है, क्योंकि बगावती सुर कम होने का नाम नहीं ले रहे।


बलूचिस्तान से खैबर पख्तूनख्वा तक उठी पाकिस्तान से आज़ादी की मांग

पीओके में बगावती सुर काफी तेज़ हो गए हैं और इसका सबसे ज़्यादा असर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में देखने को मिल रहा है। इन दोनों प्रांतों में लंबे समय से पाकिस्तानी सरकार और सेना का विरोध देखने को मिला है। पिछले कुछ महीनों में यह विरोध और भी बढ़ गया है। नौबत तो यहाँ तक आ गई है कि इन दोनों प्रांतों के लोग पाकिस्तान से आज़ादी की मांग उठा रहे हैं।

balochistan_rebellion.jpg


क्या है बगावत की वजह?

पीओके में बगावत की वजह है पाकिस्तानी सरकार द्वारा अनदेखी। लोगों का मानना है कि पाकिस्तानी सरकार को पीओके पर कब्ज़ा होने पर गर्व तो है, पर पीओके लो जनता की बिल्कुल भी चिंता नहीं है। वहीं पाकिस्तानी सेना भी अक्सर ही बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में जनता पर अत्याचार करती है। रही-सही कसार पाकिस्तान में वर्तमान में चल रहे हालात की वजह से पूरी हो जाती है। पाकिस्तान में इस समय काफी खराब आर्थिक स्थिति चल रही है। इस मुश्किल समय में पाकिस्तान की जनता काफी परेशान है और इस बात से भी बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा की जनता बेहद ही नाराज़ है। साथ ही उन्हें सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल रही है।

यह भी पढ़ें- यूक्रेन को मिली रूस के खिलाफ एक और कामयाबी, एक ही रात में मार गिराए 13 ड्रोन्स और 1 मिसाइल



यूक्रेन को मिली रूस के खिलाफ एक और कामयाबी, एक ही रात में मार गिराए 13 ड्रोन्स और 1 मिसाइल

रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध को 19 महीने से ज़्यादा समय हो चुका है। रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन पर कब्ज़ा करने के इरादे से 24 फरवरी, 2022 को रूसी सेना को यूक्रेन पर हमला करने का आदेश दे दिया था और तभी से इस जंग की शुरुआत हो गई थी। रूस को यूक्रेन पर कब्ज़ा करने में कामयाबी अभी तक नहीं मिली है। हालांकि इस युद्ध की वजह से यूक्रेन को जान-माल का भारी नुकसान तो हुआ है ही, साथ ही यूक्रेन के कई शहरों में भारी तबाही मच चुकी है। इस युद्ध में अब तक रूस ने यूक्रेन पर कई बार हमले किए हैं। पर रूस के हमलों के खिलाफ यूक्रेन का डिफेंस भी सजग है और रुसी हमलों को रोकने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। यूक्रेन के काउंटरऑफेंस ही नहीं, डिफेंस को भी कामयाबी मिल रही है। देर रात एक बार फिर यूक्रेन को रूस के खिलाफ कामयाबी मिली।


यूक्रेन ने एक रात में मार गिराए रूस के 13 ड्रोन्स और 1 मिसाइल

यूक्रेन की तरफ से आज जानकारी देते हुए बताया कि बीती रात उन्हें रूस की सेना के खिलाफ एक और कामयाबी मिली। जानकारी के अनुसार यूक्रेन की सेना ने देर रात रूस के 13 ड्रोन्स और 1 मिसाइल को मार गिराया। रिपोर्ट के अनुसार इन हमलों का निशाना यूक्रेन का निप्रॉपेट्रोस (Dnipropetrovsk) ओब्लास्ट था। पर यूक्रेन के खिलाफ रूस को इस हमले में कामयाबी नहीं मिली। इस पूरे मामले के बारे में निप्रॉपेट्रोस ओब्लास्ट के गवर्नर सेरही लाइसैक (Serhiy Lysak) ने अपने टेलीग्राम चैनल पर जानकारी दी।


यह भी पढ़ें- भारत के खिलाफ नशीली साजिश! किताब-खिलौनों के ज़रिए कनाडा के माफिया भेज रहे हैं देश में ड्रग्स



नाइजर में सैन्य अभियान के दौरान संदिग्ध जिहादियों का हमला, 29 सैनिकों की मौत

पश्चिमी नाइजर में संदिग्ध जिहादियों के हमले में 29 सैनिकों की मौत हो गई। इस घटना पर दुख जताते हुए रक्षा मंत्रालय ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। मंत्रालय ने एक टेलीविज़न बयान में कहा कि 100 से अधिक आतंकवादियों द्वारा तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों और कामिकेज़ वाहनों का उपयोग करके सैनिकों को निशाना बनाया गया। दो सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए और कई दर्जन आतंकवादी भी मारे गए।

सैन्य अभियान के दौरान हुआ हमला
मंत्रालय के अनुसार, यह हमला माली के साथ देश की सीमा के पास सैन्य अभियान के दौरान हुआ, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट द्वारा उत्पन्न खतरे को बेअसर करना था। मंत्रालय ने कहा कि आतंकवादियों के संचार को रोक दिया गया है, जिन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि हमलावरों ने बाहरी विशेषज्ञता से लाभ उठाया।

एक दशक से एक्टिव है जिहादी विद्रोह
जिहादी विद्रोह ने एक दशक से अधिक समय से अफ्रीका के साहेल क्षेत्र को प्रभावित किया है, जो 2015 में पड़ोसी नाइजर और बुर्किना फासो में फैलने से पहले 2012 में उत्तरी माली में फैल गया था। नाइजर, माली और बुर्किना फासो के बीच तीन सीमाएं क्षेत्र नियमित रूप से इस्लामिक स्टेट समूह और अल-कायदा से जुड़े आतंकवादियों द्वारा हमलों का स्थल है।

यह भी पढ़ें- बिहार में ये कैसी शराबबंदी! शराब बेचने का विरोध करने पर मर्डर, पीट-पीटकर मुखिया की हत्या


अगस्त में 17 सैनिकों की हुई थी मौत

हिंसा ने तीनों देशों में सैन्य कब्ज़े को बढ़ावा दिया है, जिसमें नवीनतम नाइजर में 26 जुलाई को तख्तापलट हुआ है, जिसने लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को अपदस्थ कर दिया है। अगस्त में नाइजर और बुर्किना फासो के बीच सीमा के पास संदिग्ध जिहादियों के हमले में कम से कम 17 नाइजीरियाई सैनिक मारे गए और 20 घायल हो गए।

यह भी पढ़ें- बर्थडे सेलिब्रेट कर लौट रहे थे 5 युवक, GPS ने दिया धोखा और नदी में डूबी कार, 2 डॉक्टरों की हुई मौत



Saturday, September 30, 2023

भूकंप से कांपा मैक्वेरी आइलैंड, रिक्टर स्केल पर रही 5.8 तीव्रता

दुनियाभर में पिछले एक साल में भूकंप के मामले तेज़ी से बढ़े हैं। दुनियाभर में हर दिन किसी न किसी जगह भूकंप के मामले सामने आते हैं। इतना ही नहीं, एक दिन में हर दिन एक से ज़्यादा भूकंप के मामले देखने को मिलते हैं। भूकंपों की इस लिस्ट में आज एक और भूकंप जुड़ गया है। आज शनिवार, 30 सितंबर को मैक्वेरी आइलैंड (Macquarie Island) पर भूकंप आया। भारतीय समयानुसार यह भूकंप आज सुबह 6 बजकर 01 मिनट पर आया और इसकी तीव्रता 5.8 रही। यह भूकंप मैक्वेरी आइलैंड पर वेस्ट में आया। राजनीतिक रूप से मैक्वेरी आइलैंड को ऑस्ट्रेलिया (Australia) का हिस्सा माना जाता है।


कितनी रही मैक्वेरी आइलैंड पर आए भूकंप की गहराई?

मैक्वेरी आइलैंड में आज आए इस भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर रही।


नहीं हुआ नुकसान

मैक्वेरी आइलैंड पर न के बराबर लोग रहते हैं। साथ ही आज आए इस भूकंप की वजह से किसी भी तरह के नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है।

चिंताजनक है भूकंप के मामलों का बढ़ना

पिछले एक साल में दुनियाभर में भूकंप के मामले बढ़ रहे हैं। दुनियाभर में पिछले एक साल में किसी न किसी जगह भूकंप के मामले देखने को मिलते हैं। कुछ भूकंपों से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है, पर पिछले कुछ महीनों में कुछ ऐसे भी भूंकप देखने को मिले हैं जिनसे भारी तबाही मची है। पिछले साल इंडोनेशिया (Indonesia) में आए भूकंप और इस साल तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में आए भूकंप ने काफी तबाही मचाई थी। कुछ दिन पहले 8 सितंबर को ही मोरक्को (Morocco) में आए भूकंप ने भी काफी तबाही मचाई। हालांकि सभी भूकंप तबाही नहीं मचाते, पर भूकंप के मामलों का बढ़ना चिंताजनक है।

यह भी पढ़ें- रूस ने देर रात किया यूक्रेन पर हमला, इंफ्रास्ट्रक्चर को पहुंचाया नुकसान



रूस ने देर रात किया यूक्रेन पर हमला, इंफ्रास्ट्रक्चर को पहुंचाया नुकसान

रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच 19 महीने से ज़्यादा समय से युद्ध चल रहा है। रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के आदेश पर 24 फरवरी, 2022 को रुसी सेना ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की शुरुआत की थी। उस समय सभी को लगा था कि यह युद्ध कुछ दिन में ही खत्म हो जाएगा पर अभी भी यह युद्ध जारी है। इस युद्ध की वजह से यूक्रेन में जान-माल का भारी नुकसान तो हुआ है ही, साथ ही कई शहरों में भी भीषण तबाही मच चुकी है। लेकिन फिर भी लगातार मिल रहे इंटरनेशनल सपोर्ट की वजह से यूक्रेनी सेना अभी भी युद्ध डटी हुई है और इस वजह से रूस की आर्मी को भी अब तक इस युद्ध में काफी नुकसान हुआ है। हालांकि फिर भी रूस की तरफ से यूक्रेन पर लगातार हमले किए जा रहे हैं और यह सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। देर रात एक बार फिर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया।


विनित्सिआ ओब्लास्ट को बनाया निशाना

अब तक रूस की सेना यूक्रेन में अलग-अलग जगहों पर हमला कर चुकी है। देर रात रूस की सेना ने यूक्रेन के विनित्सिआ (Vinnytsia) ओब्लास्ट को निशाना बनाया।

इंफ्रास्ट्रक्चर को पहुंचाया नुकसान

रुसी सेना ने यूक्रेन के विनित्सिआ ओब्लास्ट पर हमला करने के लिए विनित्सिआ के इंफ्रास्ट्रक्चर को चुना। रुसी हमले से विनित्सिआ के इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाया।


नहीं हुई किसी की मौत

रूस के विनित्सिआ पर हमले से सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचा। इस हमले में किसी की भी मौत नहीं हुई। इससे लगता है कि रुसी सेना का निशाना विनित्सिआ का इंफ्रास्ट्रक्चर ही था।

कई बार किया इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला

रूस इससे पहले भी कई बार यूक्रेन के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला कर चुका है रुसी सेना ने यूक्रेन में अलग-अलग जगहों पर इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाया है जिससे यूक्रेन और यूक्रेनवासियों की मुश्किलें बढ़ाई जा सके।

odesa_port_infrastructure_damaged.jpg


यह भी पढ़ें- भारत के खिलाफ नशीली साजिश! किताब-खिलौनों के ज़रिए कनाडा के माफिया भेज रहे हैं देश में ड्रग्स



भारत के खिलाफ नशीली साजिश! किताब-खिलौनों के ज़रिए कनाडा के माफिया भेज रहे हैं देश में ड्रग्स

अक्सर ही दूसरे देशों में बैठे लोग भारत (India) के खिलाफ के खिलाफ साजिश करते हैं जिससे देश और देशवासियों को नुकसान पहुंचाया जा सके। इस तरह की साजिशों का अक्सर ही भंडाफोड़ भी होता है। हाल ही में भारत के खिलाफ ऐसी ही एक साजिश का भंडाफोड़ हुआ है। यह नशीली साजिश (Drug Conspiracy) है जिसे कनाडा (Canada) से ऑपरेट किया जा रहा है। नशीली साजिश पढ़कर मन एक ही दिशा में जाता है और वो है ड्रग्स। कनाडा से चलाए जा रहे ड्रग्स रैकेट के तहत भारत में ड्रग्स भेजे जा रहे हैं। हाल ही में इस बात का खुलासा हुआ है।


कौन भेज रहा है ड्रग्स?

जानकारी के अनुसार कनाडा से माफिया भारत में नशीली साजिश के तहत ड्रग्स भेज रहे हैं। इस साजिश का मकसद भारत के युवाओं को भटकाना है और देश की स्थिति खराब करना है।

कैसे भेजे जा रहे हैं ड्रग्स?

कनाडा के माफिया किताबों और खिलौनों के ज़रिए भारत में ड्रग्स भेज रहे हैं। किताबों के पेज को ड्रग्स से बनाया जा रहा है। बाद में इन पेजों को क्रश करके ड्रग्स में वापस बदल लिया जाता है। वहीं खिलौनों में भी इसी तरह छिपाकर ड्रग्स भेजे जा रहे हैं। इस तरह से ड्रग्स भेजने के पीछे वजह यह है कि किसी को भी इस पूरी साजिश के बारे में शक न हो।


साजिश का हुआ भंडाफोड़

कनाडा के माफियाओं के किताबों और खिलौनों के ज़रिए भारत में ड्रग्स भेजने की साजिश का भंडाफोड़ गुजरात पुलिस ने कर दिया है। अहमदाबाद में गुजरात पुलिस की साइबर यूनिट ने इस ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया और अहमदाबाद के कस्टम विभाग ने बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद किए।

जांच हुई शुरू

इस पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है। माफियाओं का मकसद देश की पार्टियों में ड्रग्स की सप्लाई को बूस्ट करना था जिससे युवाओं को बिगाड़ा जा सके। ऐसे में गुजरात पुलिस के रडार पर ऐसे लोग भी हैं जो ड्रग्स मंगाते हैं।

drugs_in_parties.jpg


यह भी पढ़ें- न्यूयॉर्क में मूसलाधार बारिश से आई बाढ़, शहर में लगी इमरजेंसी



न्यूयॉर्क में मूसलाधार बारिश से आई बाढ़, शहर में लगी इमरजेंसी

मौसम कब पलटी मार ले, इस बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता। ऐसा ही कुछ अमेरिका (United States Of America) के न्यूयॉर्क (New York) में देखने को मिल रहा है। न्यूयॉर्क में मौसम का मिज़ाज अचानक से बदल गया है और शहर में मूसलाधार बारिश देखने को मिल रही है। इस वजह से न्यूयॉर्क में बाढ़ आ गई है। सिर्फ न्यूयॉर्क ही नहीं, न्यूयॉर्क के पास के कुछ अन्य शहरों जैसे लॉन्ग आइलैंड (Long Island) और हडसन वैली (Hudson Valley) में भी बाढ़ आ गई है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।


बाढ़ से स्थिति खराब

न्यूयॉर्क में बाढ़ से स्थिति काफी खराब हो गई है। जगह-जगह पानी भर गया है। एयरपोर्ट के टर्मिनल्स तक में पानी भर गया है। यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने और काम पर जाने में मुश्किल हो रही है।

floods_in_new_york.jpg


लगी इमरजेंसी

मूसलाधार बारिश और बाढ़ के चलते न्यूयॉर्क में स्थिति के खराब होने की वजह से न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल (Kathy Hochul) ने एक बड़ा फैसला लिया है। कैथी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यूयॉर्क, लॉन्ग आइलैंड और हडसन वैली में इमरजेंसी लगा दी है। कैथी ने लोगों को सुरक्षित रहने के लिए भी कहा है। साथ ही उन सड़कों पर जहाँ बाढ़ की वजह से पानी भरा हुआ है, वहाँ ट्रैवल न करने की सलाह दी है।


यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में लाइव टीवी पर हंगामा, इमरान खान और नवाज़ शरीफ के समर्थकों में हुई मारपीट



Friday, September 29, 2023

पाकिस्तान में लाइव टीवी पर हंगामा, इमरान खान और नवाज़ शरीफ के समर्थकों में हुई मारपीट

पाकिस्तान में पिछले करीब 17 महीने से चल रही राजनीतिक अनबन अभी भी खत्म नहीं हुई है। इमरान खान के पीएम पद से छुट्टी होने के बाद शहबाज़ शरीफ को यह पद सौंपा गया। हालांकि इमरान को हटाया जाना उनके समर्थकों को पसंद नहीं आया। शहबाज़ ने पीएम बनकर अपने बड़े भाई और पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज़ शरीफ का भी समर्थन किया। ऐसे में बात इमरान बनाम नवाज़ और शहबाज़ तक आ गई, जिससे इन दोनों पक्षों के समर्थक भी एक-दूसरे के खिलाफ हो गए। अक्सर ही दोनों पक्षों के समर्थकों में झड़प होती रहती है, पर हाल ही में मामला लाइव टीवी तक पहुंच गया। लाइव टीवी पर एक प्रोग्राम के दौरान इमरान और नवाज़ के दो समर्थकों में मारपीट हो गई।


आपस में भिड़े अफनान उल्लाह खान और शेर अफजल खान मारवात

हाल ही में पाकिस्तान में लाइव टीवी पर बुधवार को एक प्रोग्राम का आयोजन हुआ। इस प्रोग्राम में नवाज़ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) का से सीनेटर अफनान उल्लाह खान शामिल हुआ। वहीं इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) से जुड़े शेर अफजल खान मारवात, जो पेशे से वकील भी है, को इस प्रोग्राम पर बुलाया गया। यह एक डिबेट प्रोग्राम था, जिसे टीवी होस्ट जावेद चौधरी के न्यूज शो कल तक के दौरान दिखाया जा रहा था।

इस दौरान सीनेटर अफनान ने इमरान पर गंभीर आरोप लगाए। इससे अफजल को गुस्सा आ गया और उसने अफनान पर हमला कर दिया। दोनों के बीच मारपीट हो गई। सिर्फ इतना ही नहीं, दोनों एक-दूसरे को गालियाँ देने से भी पीछे नहीं हटे। किसी तरह न्यूज़ रूम में मौजूद दूसरे लोगों ने अफनान और अफजल को अलग किया और मामला शांत हुआ।

दोनों की मारपीट के वीडियो को नीचे देखा जा सकता है।


यह भी पढ़ें- मातम के बीच चमत्कार! 114 लोगों को मारने वाली इराक की जानलेवा शादी में ज़िंदा बचे दूल्हा-दुल्हन



मातम के बीच चमत्कार! 114 लोगों को मारने वाली जानलेवा शादी में ज़िंदा बचे दूल्हा-दुल्हन

इराक में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ। इराक के नीनेवे प्रांत के हमदानिया जिले में मंगलवार की रात एक शादी समारोह की खुशियाँ मातम में बदल गई जब जिस इवेंट हॉल में शादी हो रही थी उसमें भीषण आग लग गई। शादी के इस कार्यक्रम में 1,000 से ज़्यादा मेहमान मौजूद थे। लोकल समयानुसार इराक के नीनेवे प्रांत के हमदानिया जिले में हो रही इस शादी में रात करीब 10 बजकर 45 मिनट पर आग लग गई। आग लगने के कुछ देर में ही पूरे इवेंट हॉल में फैल गई और इस वजह से लोगों में अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते शादी की खुशियाँ मातम में बदल गई। शादी में आग लगने के इस हादसे की वजह से 114 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में दूल्हा-दुल्हन के होने के बारे में भी बताया जा रहा था। साथ ही करीब 150 लोग इस वजह से घायल हो गए। पर अब मातम के बीच चमत्कार की खबर सामने आई है।


ज़िंदा बचे दूल्हा-दुल्हन

इराक की इस शादी में जहाँ दूल्हा-दुल्हन के मरने की खबर सामने आ रही थी, इसी बीच जैसे एक चमत्कार सा हो गया। हाल ही में खबर मिली है कि इस शादी में दूल्हा-दुल्हन की आग में झुलसकर मौत नहीं हुई। जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। बताया जा रहा है कि दूल्हा-दुल्हन कुछ और लोगों के साथ रसोई के रास्ते से इवेंट हॉल से बाहर निकल गए और अपनी जान बचा ली। दूल्हे का नाम रेवान इशो और दुल्हन का नाम हनीन है। जिस समय आग लगी थी तब दोनों डांस कर रह थे। अचानक से आग लगने से अफरातफरी मच गई और सभी जान बचाने के लिए बाहर निकलने की कोशिश में लग गए। रेवान और हनीन किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब रहे और बच गए। हालांकि इस समय दोनों ही इरबिल के एक अस्पताल में भर्ती है पर दोनों की ही स्थिति सामान्य है।

bride_and_groom_dancing.jpg


आतिशबाजी की वजह से लगी थी आग

शादी में आग लगने की वजह आतिशबाजी थी। इवेंट हॉल के बंद होने की वजह से आतिशबाजी करना भारी पड़ गया और भीषण आग लग गई। इवेंट हॉल में सुरक्षा के उचित उपाय भी नहीं थे, जिस वजह से आग पर सही समय पर काबू नहीं पाया जा सका, जिस वजह से इतना बड़ा हादसा घटित हुआ।

iraq_wedding_tragedy.jpg


14 लोगों को किया गया गिरफ्तार

इस शादी में आग लगने के मामले में इवेंट हॉल के मालिक समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दूल्हे के पिता ने भी इस मामले में इवेंट हॉल के मालिक को ज़िम्मेदार ठहराया है। साथ ही इस मामले की जांच भी चल रही है और जल्द से जल्द इस जांच के नतीजे सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है।

यह भी पढ़ें- बलूचिस्तान में मस्जिद के पास हुआ ब्लास्ट, अब तक 52 लोगों की मौत और करीब 150 घायल



भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने की अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मीटिंग, निज्जर हत्या मामले पर चर्चा न करते हुए दिया कनाडा को झटका

भारत (India) के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) इस समय अमेरिका (United States Of America) के दौरे पर हैं। इस दौरे के दौरान जयशंकर ने गुरुवार को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. (Washington D.C.) में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) से मुलाकात की। दोनों ने मीटिंग भी की, जिसमें कई अहम विषयों पर चर्चा हुई। इस मीटिंग का मुख्य मकसद भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा करना और उनमें और मज़बूती लाने के लिए प्रयास करना था। हालांकि इस मीटिंग से कनाडा (Canada) को भी बड़ी उम्मीद थी, पर कनाडा की उम्मीद पर पानी फिर गया।


क्या थी कनाडा की उम्मीद?

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) उम्मीद जाता रहे थे कि जयशंकर और ब्लिंकन की मीटिंग में कनाडा का ज़िक्र होगा। ट्रूडो उम्मीद लगाए बैठे हुए थे कि इस मीटिंग में ब्लिंकन की तरफ से कनाडा में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मुद्दा भी उठाया जाएगा।

कनाडा को लगा झटका

जयशंकर और ब्लिंकन की मीटिंग से कनाडा को झटका लगा है। भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने कनाडा या निज्जर हत्या के बारे में किसी तरह की कोई बात नहीं की। इससे ट्रूडो को निश्चित रूप से निराशा हुई होगी।


यह भी पढ़ें- रूस का बड़ा प्लान, 2024 में डिफेंस बजट में होगा 70% तक इजाफा



रूस का बड़ा प्लान, 2024 में डिफेंस बजट में होगा 70% तक इजाफा

सैन्य शक्ति के आधार पर रूस (Russia) दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है। रूस के पास बड़ी सेना होने के साथ ही एडवांस्ड हथियारों की भी कमी नहीं है। रूस में ही कई खतरनाक हथियारों का प्रोडक्शन किया जाता है और उन्हें दूसरे देशों में भी बेचा जाता है। रूस के भी अलग-अलग देशों में मिलिट्री मिशन चलते है और इस वजह से उनकी सेना दुनिया में अलग-अलग जगह फैली हुई है। ऐसे में जाहिर है कि डिफेंस सेक्टर में रूस का बजट भी काफी ज़्यादा है। पर अब रूस ने एक बड़ा प्लान बनाया है। 2024 के लिए रूस की बड़ी तैयारी है। अगले साल रूस अपने डिफेंस बजट में ज़बरदस्त इजाफा करने वाला है।


रूस के डिफेंस बजट में होगी तगड़ी बढ़ोत्तरी

गुरुवार को रूस के वित्त मंत्रालय का एक दस्तावेज सामने आया। उस दस्तावेज के अनुसार 2024 के लिए डिफेंस सेक्टर में रूस का बड़ा प्लान है। अगले साल रूस अपने डिफेंस बजट में 68% से 70% तक का इजाफा करने वाला है। यह रूस की GDP का करीब 6% यानी कि 111.15 बिलियन डॉलर्स होगा। भारतीय करेंसी में इसकी वैल्यू करीब 9 लाख करोड़ रुपये है।


शिक्षा, पर्यावरण, हेल्थकेयर और बचाव के कुल बजट का तीन गुना

2024 में रूस का डिफेंस बजट रूस के शिक्षा, पर्यावरण, हेल्थकेयर और बचाव के कुल बजट का तीन गुना होगा। इससे साफ है कि रूस डिफेंस सेक्टर को लेकर कितना गंभीर है।

सेंट्रल बैंक की चेतावनी के बावजूद लिया फैसला

रूस के सेंट्रल बैंक ने कुछ समय पहले ही चेतावनी दी थी कि देश अर्थव्यवस्था के बढ़ने की गति इस साल के अंत तक कम हो जाएगी। इस चेतावनी के बावजूद रूस के वित्त मंत्रालय ने देश के डिफेंस बजट में 68% से 70% तक का इजाफा करने का फैसला लिया है। इस फैसले को रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का पूरा समर्थन मिला हुआ है।

putin_with_his_soldiers.jpg


डिफेंस बजट में इजाफे की क्या है वजह?

रूस के डिफेंस बजट में इजाफे की वजह देश के डिफेंस को मज़बूत बनाना तो है ही, साथ ही रूस विरोधी चालों को नाकाम करना भी है। रूस अपने दुश्मनों की कोशिशों को नाकाम करना चाहता है। साथ ही यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध की वजह से अब तक रूस को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है। 19 महीने से भी ज़्यादा समय से चल रहे इस युद्ध में अब तक रूस को वो कामयाबी नहीं मिली है जो पुतिन चाहते थे। यह भी एक बड़ी वजह है कि रूस अगले साल अपने डिफेंस बजट में तगड़ी बढ़ोत्तरी करने की तैयारी में है।

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान ने भारत में अपने दूतावास में कामकाज किया बंद, विदेश मंत्रालय को भेजा लैटर



अफगानिस्तान ने भारत में अपने दूतावास में कामकाज किया बंद, विदेश मंत्रालय को भेजा लैटर

अफगानिस्तान (Afghanistan) की तरफ से हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया गया है। अफगानिस्तान ने भारत (India) में स्थित अपने दूतावास को बंद करने का फैसला लिया है। अफगानिस्तान का यह दूतावास भारत की राजधानी दिल्ली (Delhi) में स्थित है जिसे बंद किया जा रहा है। इस बारे में भारत के विदेश मंत्रालय को लैटर के ज़रिए सूचित भी कर दिया गया है। अफगानिस्तान का यह फैसला कुछ हद तक हैरान भी करता है क्योंकि तालिबान के सत्ता में आने के बावजूद अफगानिस्तान के भारत से संबंध नहीं बिगड़े। ऐसे में मन में सवाल आना लाज़िमी है इस फैसले के पीछे कोई कारण है या नहीं। जवाब है..हाँ, अफगानिस्तान के इस फैसले के पीछे एक बड़ा कारण है।


भारत की तरफ से की जा रही है जांच

भारत की तरफ से दिल्ली स्थित अफगान दूतावास को बंद किए जाने की बात की प्रमाणिकता की जांच की जा रही है।

क्या है अफगानिस्तान के दूतावास के बंद होने का कारण?

अफगानिस्तान या भारत की तरफ से इस बारे में अभी तक कोई जानकारी पब्लिक नहीं की गई है। पर सूत्रों के अनुसार भारतीय विदेश मंत्रालय से पर्याप्त मदद नहीं मिलने की वजह से अफगानिस्तान ने दिल्ली में स्थित अपने दूतावास को बंद करने का फैसला लिया है। इसकी एक बड़ी वजह है भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई, जिन्हें तालिबान से पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने नियुक्त किया था। ऐसे में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से भी भारत में स्थित दूतावास को मदद नहीं मिलती। साथ ही अफगान सरकार की तरफ से दूतावास पर दबाव भी बनाया जाता है। इसी वजह से फरीद मामुन्दजई ने लैटर लिखकर दिल्ली स्थित दूतावास में कामकाज को बंद करने की जानकारी दी है।

farid.jpg


राजदूत ने छोड़ा देश

रिपोर्ट के अनुसार अफगान राजदूत फरीद मामुन्दजई ने भारत छोड़ दिया है। भारत के दूतावास में कामकाज बंद करके इस बारे में विदेश मंत्रालय सूचित करके अफगान राजदूत लंदन चले गए है।

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की बढ़ेगी मुश्किलें, जल्द ही लाखों लोगों को देश से भगाया जाएगा बाहर




Thursday, September 28, 2023

पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की बढ़ेगी मुश्किलें, जल्द ही लाखों लोगों को देश से भगाया जाएगा बाहर

अफगानिस्तान (Afghanistan) में आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) ने 15 अगस्त, 2021 को तख्तापलट कर दिया था और देश की सत्ता पर कब्ज़ा करते हुए देश में आतंक का राज स्थापित किया था। अफगानिस्तान में तालिबान का शासन लौटते ही कई अफगान लोगों ने देश छोड़ दिया। अफगानिस्तान छोड़ने के बाद बड़ी संख्या में लोग शरण के लिए अलग-अलग देशों में चले गए। इन देशों में पाकिस्तान (Pakistan) भी एक था। अफगानिस्तान और पाकिस्तान की बॉर्डर जुड़े होने से लोगों ने आसानी से बॉर्डर पार कर पाकिस्तान में शरण ले ली। पर अब जल्द ही पाकिस्तान में रहने वाले अफगान शरणार्थियों की मुश्किलें जल्द ही बढ़ने वाली हैं। इसकी वजह है पाकिस्तान सरकार का सख्त फैसला।


जल्द ही लाखों लोगों को भगाया जाएगा देश से बाहर

पाकिस्तान सरकार जल्द ही लाखों अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर करेगी। हाल ही में इसके लिए एक सख्त फैसला भी लिया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में करीब 13 लाख अफगान शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें से 6 लाख पिछले दो सालों में पाकिस्तान गए हैं। यह रिपोर्ट यूनाइटेड नेशन्स की है। साथ ही देश में करीब 8,80,000 अफगान कानूनी तौर से रह रहे हैं। कानूनी तौर पर रह रहे अफगान नागरिकों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जाएगा। पर सभी शरणार्थियों को पाकिस्तान सरकार जल्द ही देश से बाहर निकालने की तैयारी में है।

afghan_refugees.jpg


क्या है पाकिस्तान सरकार के फैसले की वजह?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पिछले कुछ समय से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। दोनों देशों के संबंधों में काफी खटास आ गई है। इसकी एक बड़ी वजह है तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में बढ़ी आतंकी गतिविधियाँ। ऐसे में पाकिस्तान सरकार अफगान शरणार्थियों के खिलाफ सख्त हो गई है।

बढ़ रही हैं गिरफ्तारियाँ

पिछले कुछ समय में सैकड़ों अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया है और यह सिलसिला जारी है। पाकिस्तानी पुलिस मन मर्जी अफगान शरणार्थियों को उनके कैंपों से उठा रही है और गिरफ्तार कर रही है। साथ ही उन्हें डरा-धमकाकर पैसे भी लूट रही है। अफगान शरणार्थियों में इससे डर का माहौल है।

afghan_refugees_.jpg


अफगान शरणार्थी हुए निराश

पाकिस्तान सरकार की सख्ती से अफगान शरणार्थी काफी निराश हो गए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के लौटने के बाद जान बचाने के लिए पाकिस्तान आए इन शरणार्थियों की शांति से पाकिस्तान में रहने की उम्मीदों को पाकिस्तान सरकार के फैसले से झटका लगा है।

यह भी पढ़ें- सऊदी अरब ने की पाकिस्तान की बेइज्जती, हज के नाम पर भिखारियों और जेबकतरों को न भेजने के लिए चेताया